काले धन पर 200 फीसदी जुर्माने पर परेशान है इनकम टैक्स विभाग , नोटबंदी के चलते पूरा भारत हलकान है। आम आदमी और व्यापारी पुराने नोटों के जरिए अपने कर्जे निपटाने की कोशिश में हैं, जबकि इनकम टैक्स के अधिकारी इस बात को लेकर परेशान हैं कि बैंकों में आ रही ऐसी रकम पर 200 प्रतिशत का जुर्माना कैसे लगाया जाए। वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने 200 प्रतिशत के जुर्माने की घोषणा की थी।

फर्म्स पुराने नोटों के जरिए सप्लायर्स का बकाया चुका रही हैं और इन्हें बैंकों में जमा करके पुराना लोन चुकता करने के साथ क्लब, स्पा और जिम की मेंबरशिप ले रही हैं। बैंक लोन चुकता करने के मामले को छोड़कर इन सभी मामलों में कंपनियों के बहीखाते दिखाएंगे कि ये लेनदेन मंगलवार की शाम से पहले ही हो गए थे, जब 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने की घोषणा की गई।

कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे बैंकों में जमा होने वाले ऐसे कैश पर ऑटोमैटिक तरीके से पेनाल्टी लगा दी जाए। छिपाई गई इनकम पर जुर्माना लग सकता है, लेकिन अगर कोई एक करोड़ रुपये बैंक में जमा करे, 33 पर्सेंट टैक्स चुकाए और उस रकम को असेसमेंट ईयर 2017-18 के लिए अपने टैक्स रिटर्न में आय के रूप में दिखाए तो क्या करेंगे? भले ही उस व्यक्ति ने नोटबंदी के चलते ऐसा किया हो, तकनीकी रूप से यह वॉलंटरी डिक्लेरेशन है और दूसरे अन्य स्त्रोतों से आय के रूप में दिखाया गया है।

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