महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए दुनिया भर में ना जाने कितने कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी देश हैं जहां महिलाओं और लड़कियों को रेप से बचाने के लिए सदियों से दक़ियानूसी परम्पराओं का पालन करने का चलन है। जी हाँ आज के इस आधुनिक युग में भी अफ्रीका के कई देशों जैसे साउथ अफ्रीका, कैमरून और नाइजीरिया जैसी जगहों पर लड़कियों को रेप से बचने के लिए उन्हें असहनीय पीड़ा और दर्द से गुजरना होता है। इस अनोखी प्रथा का नाम है ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’, जिसमें किशोरावस्था के शुरू होते ही लड़कियों के ब्रेस्ट को गर्म लकड़ी के टुकड़ों से दागा जाता है, ताकि वे बढ़ न सकें और सपाट रहें।

यह प्रक्रिया ना सिर्फ दर्ददायक होती है बल्कि इसमें लड़कियों के शारीरिक विकास की प्राकृतिक क्रिया से भी छेड़छाड़ की जाती है। ब्रेस्ट आयरनिंग’ प्रथा में किशोरावस्था में ही लड़कियों के स्तन विकसित होने की प्रक्रिया को रोक दिया जाता है। लड़कियों के स्तनों को बढ़ने से रोकने के लिए उन्हें गर्म लोहे की छड़ों या गर्म पत्थर से दाग दिया जाता है, ताकि वो चपटे हो जाएं और बढ़ें नहीं। 10 साल से कम उम्र की कई लड़कियां भी हर रोज़ इस प्रथा का शिकार होती हैं। आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि लड़कियों की ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ कोई और नहीं बल्कि खुद लड़की की मां ही करती है।

ब्रेस्ट आयरनिंग’ के कारण महिलाओं को मानसिक एवं शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। इनके स्तनों में दर्द होता है। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर के संवदेनशील अंगों को इस तरह से दबाने से इन महिलाओं को कैंसर का खतरा हो सकता है।

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