बालों में कलर करना आपके ब्रेस्ट के लिए पैदा कर देगा मुसीबत, जानिए कैसे , आजकल बालों को खूबसूरत बनाने के लिए आप हेयर कलर का सहारा लेती होंगी या फिर सफेद बालों को छुपाने के लिए लेकिन एक इससे होने वाले नुकसान के बारे में शायद आप न जानती हों। जी हां, हेयर कलर में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आपको गंभीर बीमारी का शिकार बना सकती हैं। बालों को कलर करना एक केमिकल प्रक्रिया है। हर प्रकार के हैयर कलर में अमोनिया पाया जाता है। और यदि कोई इस बात से इन्कार करता है तो उस उत्पाद में अमोनिया की जगह अमाइन्स (Amines) पाया जाता है। हैयर कलर को बनाने के लिए लगभग 5000 तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें से कुछ को तो कैंसर का कारण भी माना गया है। इसके अलावा भी आपको बहुत सी अन्य स्वास्थ्य समस्यायों सामना करना पड़ सकता है।

हैयर कलर्ज में मौजूद पीपीडी (PHENYLENEDIAMINE) गंभीर एलर्जी रिएक्शन उत्पन्न करने के साथ-साथ महिलाओ में ब्रेस्ट कैंसर का भी कारण है। अध्ययनो के अनुसार, जो महिलाए 5 साल या उससे अधिक समय से सैलून उद्योग में काम कर रही थी उनमें ये समस्या अधिक पायी गयी। इसके अलावा राष्ट्रीय कैंसर संस्थान से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 30% गैर Hodgkin लिंफोमा(Non-Hodgkin Lymphoma) के मामले नियमित रूप से हैयर कलर करने वालें लोगो में पाये गए है। यह लसीका ऊतक (Lymph Tissue) का कैंसर है और जैसे-जैसे यह बढ़ता जाता है यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करके शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम करता जाता है।

चाहे आप अपने बालों को सुंदर बनाने के लिए कलर कर रहे हो या फिर उन्हे सफ़ेद दिखने से बचाने के लिए दोनों ही स्थितियो में आप अनेक प्रकार की एलेर्जी को बुलावा दे रहे होते है। बालों में चमक लाने के लिए P-PHENYLENEDIAMINE (पीपीडी) नामक रसायन का उपयोग किया जाता है जो कई प्रकार की एलेर्जी होने का कारण है। इसीलिए हर हैयर कलर के अंदर आपको निर्देश के तौर पर “पैच परीक्षण” करने के लिए सलाह दी जाती है। इस खतरे का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते है की ब्रिटेन में रहने वाली 17 वर्षीय तबिथा म्क्कौर्ट (Tabitha McCourt) की रसायनिक क्रिया के कारण बाल कलर करने के 20 मिनट के अंदर ही मृत्यु हो गयी थी। इसके अलावा सिर में खुजली होना या लाल हो जाना, रूसी, आंखों और पलकों के आसपास सूजन जैसे कई लक्षण भी सामने आ सकते है।

यदि आप अक्सर अपने बाल कलर करते है तो रंगों में मौजूद रसायनों के कारण आपके बाल अधिक संसाधित (Over-Processed) हो जाते है। रंगो में मौजूद केमिकल्स आपके सिर की नमी को कर करके बालों को सूखे व बेजान बना देते है। और कभी कभी तो इस समस्या को दूर करने के किए अपने बालों टीके को कटवाना पड़ता है।

लाखों लोगों को पहले से ही पराग, मिट्टी, और रसायनों से श्वास एलर्जी होती है। अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग फेफड़ों की सूजन से ग्रसित होते है उन लोगो में हैयर कलर इस्तेमाल करने के कारण दमा होने की संभावना अधिक होती है। ब्लीचिंग एजेंट्स और हैयर कलर में परसलफटेस (Persulphates) पाये जाते है और लगभग 60% वाणिज्यिक बाल उत्पादों में यह पाया जाता है। निरंतर उपयोग से यह श्वास द्वारा शरीर में प्रवेश करके खांसी, गले में तकलीफ, घरघराहट, फेफड़ों की सूजन, और पूर्ण विकसित अस्थमा जैसी क्यी स्वास्थ्य समस्यायों का कारण बनता है।

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