पीएम मोदी की तारीफ करना पड़ा भारी, बुगती को गिरफ्तार करेगा पाकिस्तान, पीएम मोदी की तारीफ करने वाले बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती से चिढ़े पाकिस्तान ने उनकी गिरफ्तारी की कोशिशें कर रहा है। पाकिस्तान बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती के खिलाफ इंटरपोल के जरिए रेड नोटिस जारी करवाने की पूरी तैयारी में है। वह फिलहाल स्विट्जरलैंड में रहते हैं।

ब्रह्मदाग तब सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर बलूचिस्तान पर दिए गए बयान की तारीफ की थी। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बलूचिस्तान, पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाया था जिसका बलूच नेता ने समर्थन किया था। हालांकि पाकिस्तान ने पीएम मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि यह पाकिस्तान के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की कोशिश है।

पाकिस्तान सरकार ब्रह्मदाग बुगती पर आरोप लगाती है कि वह बलूच रिपब्लिकन आर्मी के भी नेता हैं जिसे पाकिस्तान सरकार ने आतंकवादी संस्था घोषित कर रखा है। पाकिस्तान सरकार बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती पर देश में गृहयुद्ध छेड़ने का भी आरोप लगाती रही है।

पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेटेशन एजेंसी (FIA) ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, ब्रह्मदाग बुगती के पाकिस्तान विरोधी बयानों की वजह से देश इंटरपोल के जरिए उनकी गिरफ्तारी चाह रहा है। जरूरी दस्तावेज जुटाने के बाद पाकिस्तान औपचारिक तौर पर इंटरपोल से बुगती के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने के लिए संपर्क करेगा। बलूच नेता 2006 से पाकिस्तान से निर्वासित जीवन बिता रहे हैं और अब पाकिस्तान बुगती के प्रत्यर्पण की कार्रवाई तेज कर रहा है।

पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूच रिपब्लिकन पार्टी (BRP) के प्रमुख 33 साल के बुगती के बारे में प्राथमिक जानकारी में बताया है कि उन्हें उनके करीबियों में साहिब के नाम से जाना जाता है। बलूचिस्तान पुलिस के मुताबिक, बुगती की दो पत्नियां हैं जिनका नाम लैला बीबी और शूली बीबी है और उनके चार बच्चे हैं। वह राहेजा बुगती जनजाति से आते हैं और स्विटजरलैंड से बलोच रिपब्लिकन आर्मी नेटवर्क चला रहे हैं। वह बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री अकबर बुगती के पोते हैं जिनको 2006 में कोहलू में हुए एक विवादित मिलिटरी ऑपरेशन में मार दिया गया था।

ब्रह्मदाग बुगती ऑपरेशन के दौरान अफगानिस्तान भाग गए थे। 2010 में जब पाकिस्तान ने काबुल से उन्हें सौंपने की मांग की तो उन्होंने स्विटजरलैंड की शरण में चले गए। 2011 में उन्होंने स्विटजरलैंड से राजनीतिक शरण की मांग की थी लेकिन इसी साल जनवरी में स्विटजरलैंड ने इस्लामाबाद के उन्हें आतंकवादी घोषित करने का हवाला देते हुए उनके इस अनुरोध को खारिज कर दिया था।

FIA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बलूचिस्तान गृह मंत्रालय एक महीने के अंदर केंद्रीय गृह मंत्रालय से इंटरपोल रेड वॉरंट जारी करने के लिए अनुरोध करेगा।’

अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान के पास बुगती की गिरफ्तारी के लिए मजबूत कानूनी आधार और पर्याप्त सबूत हैं। बुगती और बलूच नेताओं के खिलाफ पाकिस्तानी पीनल कोड के सेक्शन 120, 121, 123 और 353 के तहत केस दर्ज हैं। बुगती के अलावा बलूच नेता हरबियार मर्री और बनयूक करीमा के खिलाफ भी केस दर्ज हैं। इन बलूच नेताओं पर पाकिस्तान के खिलाफ गृहयुद्ध छेड़ने का प्रयास करने और लोगों की भावनाएं भड़काने, सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य पालन में बाधा पहुंचाने समेत तमाम आरोप हैं।

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