इस लिस्ट में पैरिस, ब्रसल्ज, सैन बरनडेनो, ऑरलैंडो, फ्ला में हुए मुख्य आतंकवादी हमलों को भी शामिल किया गया है। मालूम हो कि ये हमले हफ्तों तक खबरों में बने रहे थे। ना केवल अमेरिका, बल्कि दुनियाभर की मीडिया ने इन घटनाओं की रिपोर्टिंग की। इस सूची में अप्रैल 2015 में बोस्निया में हुए एक हमले का भी जिक्र है, जिसमें एक एक पुलिस अधिकारी मारा गया था और 2 लोग जख्मी हुए थे। यह घटना अमेरिका से बाहर की थी और वहां की स्थानीय मीडिया ने इसे काफी कवरेज दिया था।
हाल के हफ्तों में ट्रंप का यह दूसरा ऐसा भाषण था, जिसें वह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के सामने दे रहे हैं। आमतौर पर राष्ट्रपति की सैन्य अधिकारियों व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ हुई मुलाकात में राजनैतिक बातचीत नहीं होती, बल्कि इसमें सैन्य रणनीति पर फोकस किया जाता है। ऐसे माहौल में भी ट्रंप ने ना केवल पत्रकारों पर आरोप लगाए और उनकी आलोचना की, बल्कि चुनाव में मिली जीत पर भी काफी बढ़-चढ़कर बोले। ट्रंप ने कहा, ‘जिस तरह कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादियों ने 11 सितंबर 2001 को हमला किया था, वैसे ही वह फिर हमारे देश पर हमला करने और इसे निशाना बनाने का संकल्प कर चुके हैं। बोस्टन से लेकर ऑरलैंडो और पूरे यूरोप में आतंकवाजी जैसा कर रहे हैं, वही वे अमेरिका के भी साथ करना चाहते हैं।’
ट्रंप ने कहा, ‘पूरे यूरोप में आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं। यह सब ऐसे स्तर पर पहुंच गया है कि इनके बारे में मीडिया में कोई खबर भी नहीं की जाती है। कई मामलों में तो बेहद बेईमान प्रेस इनपर खबरें करना ही नहीं चाहती है। उनके अपने स्वार्थ हैं और आप समझते ही हैं कि ऐसा करने की उनकी क्या वजहें हैं।’ पिछले कुछ दिनों से मीडिया पर आरोप लग रहे हैं कि वह आतंकवादी हमलों की रिपोर्टिंग ना कर इस्लाम और मुस्लिम प्रवासियों की हिफाजत करने की कोशिश कर रहा है।