उनकी याददाश्त चली गई थी। इसके बाद वह तीन साल तक वहीं मंदिर में रही। इसके बाद वहीं उन्हें कन्नौज के सराय ठेकू गांव निवासी रामशरण मिले। उसने उनसे शादी की और साथ चली गई। धीरे-धीरे साल दर साल गुजरते गए। कुछ वर्ष पहले उन्हें अपनी पुरानी जिंदगी याद आने लगी। विलासा के मुताबिक जब उन्हें सबकुछ याद आ गया तो उन्होंने अपने बच्चों के पास जाने की जिद की लेकिन पति ने उनको जाने नहीं दिया। करीब एक साल पहले पति की मौत हो गई। इसके बाद उनकी सराय ठेकू में ब्याही धीरपुर गांव की युवती से मुलाकात हुई। बातचीत में उन्होंने अपने घर और बच्चों के बारे में बताया। युवती ने गांव आकर उनके परिवार को जानकारी दी। इसपर राजकुमारी, मुंशीलाल इनायतपुर निवासी अपने सौतेले भाइयों संग वहां गए और उन्हें गांव ले आए।

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