किसी फिल्म की तरह यह कहानी राजधानी के एक परिवार की है। पत्नी की मौत हो जाने से एक व्यक्ति ने अपने डेढ़ वर्ष के बच्चे को परवरिश के लिहाज से इंदौर में रहने वाले बड़े भाई के सुपुर्द कर दिया। घर में सिर्फ दो बेटी होने से कारण बड़े भाई ने बच्चे का भरपूर लाड़-दुलार देते हुए पाला। वर्तमान में करीब 14 साल का बच्चा आठवीं का छात्र है। बचपन से स्नेह पाकर बड़ा हुआ बच्चा ताऊ को ही अपना पिता मानने लगा था।

लंबे समय साथ रहने के कारण ताऊ का वात्सल्य भतीजे से बढ़ गया था। उधर अचानक छोटे भाई ने अपना बेटा वापस मांगना शुरू कर दिया। बड़े भाई ने जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया,तो छोटे भाई ने बाल संरक्षण आयोग का दरवाजा खटखटाया। साथ ही आरोप लगाया कि उसके बेटे को बंधुआ बनाकर रखा गया है। उसके साथ मारपीट की जाती है।

आयोग के अध्यक्ष डॉ.राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों को बुलाकर तीन-चार बार काउंसलिंग की गई। अंततः मंगलवार को ताऊ ने बेटे को छोटे भाई को सौंपने का फैसला कर लिया। हालांकि इच्छा होने पर बच्चा ताऊ के घर भी जा सकेगा। साथ ही इस मामले पर आयोग,चाइल्ड लाइन की निगरानी भी रहेगी।

 

 

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