दरअसल शिक्षा कुटीर नाम के इस स्कूल ने एक ही साल में बंजर ज़मीन के एक हिस्से को हरा-भरा कर दिया है। साल पहले उद्योगपतियों और स्थानीय व्यापारियों द्वारा शुरू किये गये इस स्कूल में बस पैंतीस बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल का ऐसा नियम है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को कम से कम एक पेड़ लगाना है और उसकी देख-भाल करनी है।