अब ये महिला अपनी ज़िंदगी से ऊब चुकी है। वो कहती है, ‘मैंने अब उम्मीदें छोड़ दी हैं। मैंने सताया हुआ जीवन जिया है। अब मैं इस दर्द से आज़ाद होना चाहती हूं। इस दर्द से मुक्ति दिलाने में सिर्फ़ अल्लाह ही मेरी मदद कर सकता है
अब ये महिला अपनी ज़िंदगी से ऊब चुकी है। वो कहती है, ‘मैंने अब उम्मीदें छोड़ दी हैं। मैंने सताया हुआ जीवन जिया है। अब मैं इस दर्द से आज़ाद होना चाहती हूं। इस दर्द से मुक्ति दिलाने में सिर्फ़ अल्लाह ही मेरी मदद कर सकता है