गौरतलब है कि अर्थी बाबा पिछले चुनावों में अब तक कुल 12—13 बार पर्चा दाखिल कर चुके हैं। अर्थी बाबा 2008 में एमबीए कर चुके हैं। कुछ साल पहले मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ चुके हैं। इसके बाद सोशल वर्क में एक्टिव हो गए। अर्थी बाबा की खास बात यह है कि चुनाव प्रचार करना हो या आंदोलन करना हो, सब अर्थी पर ही करते हैं। उनका कहना है कि यह भ्रष्ट नेताओं की अर्थी है। अर्थी बाबा ने चुनाव लड़ने के लिए अपना चुनाव प्रचार कार्यालय भी श्मशान घाट पर ही बनाया है।