पुलिस सूत्रों के अनुसार, साल 1993 में सीमा पार से तस्करी रोकने के लिए शाहगढ़ थाना खोला गया था। सीमावर्ती क्षेत्र के इस थाने पर 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का जिम्मा है। वर्ष 2016 में अब तक कोई मामला नहीं दर्ज हुआ। 2015 में सिर्फ दो मामले दर्ज हुए, वे भी सड़क दुर्घटना के। पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र कुमार दवे ने थाने में 23 साल बाद नियुक्ति होने पर कहा, ‘एएसआई स्तर का अधिकारी थाने का प्रभारी रहा है। थाने में दर्ज होने वाले मामले, इन्स्पेक्टर स्तर के अधिकारी की उपलब्धता और कार्य सम्पादन के आधार पर इन्स्पेक्टर की नियुक्ति की जाती है।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि थाने में बिजली सौर ऊर्जा से मिलती है और पानी बाहर से लाया जाता है। उन्होंने बताया कि कभी साल भर मुकदमा दर्ज न हो लेकिन अंत में अगर एक मुकदमा दर्ज हो जाए और उसका निस्तारण न हो तो भी वर्ष के अंत में पेंडेंसी का प्रतिशत 100 आता है।