तत्कालीन सरकार संवेदनशील थी और वह जानती थी कि अंग्रेजों के जाने के बाद भारत के लोग भी गरीब और मजबूर हो गए हैं। किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा से लेकर अन्य पेशों में लगे लोगों के पास स्वयं का जीवन चलाने के लिए भी न्यूनतम पैसा ही होता है।
तत्कालीन सरकार संवेदनशील थी और वह जानती थी कि अंग्रेजों के जाने के बाद भारत के लोग भी गरीब और मजबूर हो गए हैं। किसान, व्यापारी, नौकरीपेशा से लेकर अन्य पेशों में लगे लोगों के पास स्वयं का जीवन चलाने के लिए भी न्यूनतम पैसा ही होता है।