हालात देख कर ऐसी अनुमान लगाए जा रहे थे कि सरकार देशवासियों पर टैक्स लगाकर पैसा वसूलेगी और उससे तमाम जरूरी विकास कार्य होंगे। इसी ऊहापोह में आखिरकार वह दिन भी आ पहुंचा, जब आजाद भारत का पहला बजट पेश किया जाना था।

वह दिन था 26 नवंबर 1947। तय दिन, तय समय पर सरकार ने बजट पेश किया। मगर जनता पर एक भी टैक्स नहीं लगाया। इससे अर्थशास्त्री, सरकार में शामिल अन्य मंत्री और जनता चौंक गए।

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