आपको यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि 15 टन का आंकड़ा एक सामान्य वर्ष में सोने की मासिक बिक्री के पांचवें हिस्से से भी ज्यादा है। देश में हर साल 800 टन सोने की खपत होती है, लेकिन इस साल यह आंकड़ा इंडस्ट्री के खिलाफ सरकार की सख्ती और नोटबंदी के चलते बहुत कम यानी 500 टन पर सिमट सकता है।
जूलर्स ने 8 नवंबर की आधी रात के बाद भी अपनी दुकानें और शोरूम खोले रखे थे, जिसकी वजह से वे टैक्स अधिकारियों की नजर में आ गए। भोपाल की सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस यूनिट ने उसके तुरंत बाद 650 जूलर्स को टैक्स नोटिस भेजे थे। नोटिस में जूलर्स से पूछा गया कि उनके पास 7 से 11 नवंबर के बीच कितना सोना था और उसकी कीमत क्या थी? देशभर में खास जूलर्स के खिलाफ टैक्स विभाग का छापा पड़ा था और उनके यहां हुई वैध बिक्री का पता लगाने के लिए एक्साइज अथॉरिटीज ने उनकी सीसीटीवी फुटेज खंगाले।