शहर के संन्यास आश्रम मंदिर को 2 लाख 77 हजार रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बिल भेजा गया है। इसके अलावा शहर के बाबा रामदेव जी को उनके मंदिर के लिए करीब 14 हजार 466 रुपये का बिल भेजा गया है। इतना ही नहीं, नगर परिषद ने तो बकायदा शमशान भूमि सभा से भी प्रॉपर्टी टैक्स की डिमांड करते हुए बिल भिजवाया है।
संन्यास आश्रम मंदिर कमेटी के प्रधान अशोक नारंग के मुताबिक संन्यास आश्रम मंदिर की स्थापना 78 साल पहले हुई थी और आज तक किसी भी सरकार के रहते हुए मंदिर को टैक्स भरने का नोटिस नहीं आया। यह पहली बार हो रहा है कि इस तरह से टैक्स भरने का नोटिस मिला है और वो भी करीब 3 लाख रूपये तक का।
मामला मीडिया में आने के बाद नगर परिषद चेयरमैन दर्शन नागपाल ने सफाई देते हुए कहा कि धार्मिक जगहों के प्रॉपर्टी टैक्स के लिए सर्वे एक कंपनी की ओर से किया गया है जो कि पिछली सरकार में हुआ था। हमारे संज्ञान में सामने आया है कि कंपनी की ओर से बिल भेजे गए और हमने बिल बंटवा दिए। लेकिन धार्मिक जगहों के लिए जारी हुए बिलों की जांच और उचित निवारण के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है।