बैंकों में जमा पर वैसे ही पिछले दो सालों से ब्याज की दर काफी गिर गई है लेकिन इस सरकार के इस कदम के बाद इसमें और गिरावट देखी जा सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेपो रेट में पहले जताई जा ही संभावना से कहीं अधिक की कटौती कर सकता है। पिछले ही महीने केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कटौती की थी। 500 और 1000 रुपए, दोनों, के नोटों की कुल कीमत बाजार में मौजूद कुल बैंक नोटों की वैल्यू का 85 फीसदी है, यानी कि 17 लाख करोड़ रुपए। लोगों के पास चूंकि अब नकदी कम होगी इसलिए उपभोक्ता वस्तुओं की खरीददारी कम होगी जिसका असर यह होगा कि मुद्रास्फीति कम होगी।
लोग नकदी की बजाए इलेट्रॉनिक और ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प की ओर अग्रसर होंगे। मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में इससे मदद मिलेगी और इसके चलते फिर ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन सकती है। आरबीआई की अगली पॉलिसी मीट 7 दिसंबर को होनी है। केंद्रीय बैंक अच्छे खासे रेट कट का ऐलान कर सकता है, यह कहना है मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा का। दूसरी ओर, विमुद्रीकरण के इस फैसले से बैंकों में अधिक डिपॉजिट होगा। बग्गा कहते हैं कि यह करंट और सेविंग अकाउंट में मौजूद धन कम से कम 4 लाख करोड़ रुपए से 5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।