जब पहली बार दोस्त के साथ कोठे पर पहुंचे थे महात्मा गांधी

जब पहली बार दोस्त के साथ कोठे पर पहुंचे थे महात्मा गांधी

जब पहली बार दोस्त के साथ कोठे पर पहुंचे थे महात्मा गांधी। आज हम आपको महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐसी सच्चाई के बारे में बताएंगे जिसके बारे में शायद आप नही जानते होंगे। महात्मा गांधी की शहादत के बाद उनके ये राज उनके साथ ही दफन हो गए थे। प्रतिष्ठित पत्रकार दयाशंकर शुक्ल सागर की किताब ‘महात्मा गांधी: ब्रह्मचर्य के प्रयोग’ में गांधी के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे ही राज से पर्दा उठाया गया है। महात्मा गांधी(मोहन) जब राजकोट के हाईस्कूल में पहुंचे थे। इसी दौरान उनकी दोस्ती एक मुसलमान लड़के मेहताब से हुई।

उनका दोस्त मुसलमान था यह जिक्र गांधी जी ने राजनीतिक कारणों से अपनी आत्मकथा में नहीं किया। घरवाले मेहताब के साथ मोहन की दोस्ती के खिलाफ थे। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि राजकोट के आवारा लड़कों में मेहताब का नाम टॉप पर था। दोनों के बीच खूब बातें होती लेकिन बातचीत का विषय हमेशा यौन सुख ही रहता था। मोहन का यही दोस्त उन्हें पहली बार वेश्याओं की बस्ती में ले गया। वहां की एक मशहूर वेश्या की सुंदरता की तारीफ कर मेहताब ने मोहन को उसके कमरे में धकेल दिया। आगे की कहानी मोहन की जुबानी सुनिए “खुद मुझे कुछ खर्च नहीं करना था।

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