कुछ समय पहले एक खबर आई थी जिसमें एक शख्स को अपनी मृत पत्नी की लाश को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं थी। ऐसी ही एक  मानवता काे शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पिता को अपने बेटे की लाश को दोपहिया वाहन पर लादकर ले जाना पड़ा। घटना कर्नाटक की जानकाजा रही  है ।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सफन राय के 3 साल के बेटे रहीम काे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। उसे आनेकल के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। श्रमिक पिता को नहीं पता था कि अस्पताल से उसे मुफ्त एंबुलेंस की सुविधा मिल सकती है। असम के रहने वाले इस मजदूर पिता के लिए एक ताे भाषा बाधक थी, दूसरा अस्पताल के स्टाफ ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।

इस पर पिता एक परिचित के दोपहिया वाहन से अपने बेटे का शव ले गए।  इस दौरान किसी ने अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर साेशल मीडिया पर अपलाेड कर दिया, जाे वायरल हाे गया। जब स्थानीय चैनलों पर ये मामला दिखाया जाने लगा तो पुलिस ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर रहीम की बॉडी को दोबारा अस्पताल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि अस्पताल पुलिस को इस मामले की सूचना नहीं देकर अपना कर्तव्य निभाने में असफल हुए। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को बकायदा सम्मान के साथ एंबुलेंस से उसके घर पहुंचाया गया।

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