सोनम संग नीरज
नगरा निवासी पार्वती की तीन बेटियों में सोनम सबसे छोटी है। सोनम के पिता की मौत हो चुकी है और मां एक विद्यालय काम करती हैं। किसी तरह रोटी चल रही है। यह कहते पार्वती आंख भर आई कि वह नवदुर्गा समिति के आभारी हैं जिनकी वजह से बेटी के हाथ पीले हो गए। काश, ऐसी इंसानियत हर किसी में हो तो फिर बेटियों की चिंता ही नहीं रहे। विश्वास है कि बेटी बहुत सुखी रहेगी। मां दुर्गा ने आशीर्वाद दिया है।
क्रांति संग परमानंद
गोरामछिया गांव परमानंद कुशवाहा का विवाह कोछाभांवर निवासी क्रांति से हुआ। क्रांति अपनी आठ बहनों में पांचवें नंबर पर है। पिता करन सिंह मजदूरी करते हैं। उनका कहना है कि इतना पैसा नहीं था कि तामझाम से शादी कर पाते। लेकिन दुर्गा पूजा कमेटी वालों ने काम आसान ही नहीं कर दिया, हम पर बड़ा उपकार भी किया है। जरा सोचिये बेटी के हाथ पीले होने पर एक पिता कितना सुख पाता है।
सायना संग सहजल
ओरछा गेट निवासी तारिक खान के बेटे सहजल का निकाह नगरा रोड निवासी मुन्ना खां की बेटी सायना के साथ हुआ। सायना के पिता मुन्ना खां कुली हैं और किराए के मकान में रहकर गुजारा करते हैं। उनकी सात बेटियों में सायना छठवें नंबर की है। उन्हें नवदुर्गा कमेटी की ओर से जानकारी दी गई और तय कर किया निकाह दुर्गा पंडाल में ही करवाएंगे। इससे भाईचारा बढ़ेगा।
सामूहिक विवाह में आनंद सिंह, काशीराम शर्मा, अब्दुल सगीर, अब्दुल हमीद, नरेश शर्मा, चंद्र प्रकाश, प्रदीप साहू, राजू कनौजिया, आनंद रायकवार, विजय गुप्ता, जीवन सिंह, विजय सक्सेना, रियाज अहमद, टेकराम शर्मा, हेमंत रायकवार, शिवा शर्मा, दीपक साहू, निसार खान व प्रदीप अग्निहोत्री का खास सहयोग रहा। कमेटी की तरफ से नवदंपत्ति को बतौर उपहार मंगलसूत्र, पायल, बिछिया, अलमारी, कूलर, बर्तन और अन्य वस्तुएं दी गईं।