बैंकों के साथ काम कर रहे जांचकर्ताओं के मुताबिक, इस सेंध ने मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड्स को मुख्य तौर पर प्रभावित किया है। बता दें भारतीय बैंक दो तरह के कार्ड जारी करते हैं। एक चिप बेस्ड कार्ड होता है और दूसरा मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड। साथ ही बता दें कि ज्यादातर भारतीय बैंक इंडियन कस्टमर्स को दुनिया में कहीं भी एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा देते हैं। डेटा में सेंध लगाकर कुछ धोखेबाजों ने इंडियन कार्ड का इस्तेमाल भारत के बाहर बैंकों के एटीएम में किया है।
कई मामलों में भारतीय बैंकों के एटीएम से भी पैसा धोखाधड़ी से निकाला गया है। सूत्रों के मुताबिक यह सेंध दो महीने पहले लगी थी। सभी बैंकों ने एक थर्ड पार्टी सिस्टम पर अपने कार्ड्स का डेटा स्टोर किया था। इस मामले में थर्ड पार्टी हिताची है। यह डेटा आमतौर पर एनक्रिप्टेड होता है। जब भी कस्टमर एटीएम से पैसा निकालता है तो मशीन कार्ड रीड करती है और हिताची सिस्टम के साथ ऑनलाइन वेरिफिकेशन करने के बाद कैश देती है।