रीगल थियेटर के बुकिंग क्लर्क एस के झा ने कहा कि यह हॉल में वयस्क फिल्मों की स्क्रीनिंग ही की जाती है। यहां दर्शक अश्लील मनोरंजन के लिए आते हैं और उनमें से भी अधिकांश समाज के गरीब तबकों से आते हैं।

सोसायटी सिनेमा हॉल के प्रबंधक डॉ एसए फिरोजी ने कहा कि हमें इस फैसले को लागू कराने के लिए पुलिस की मदद की जरूरत होगी। कई बार ऐसा होता है कि जब हम लोगों से खड़े होने के लिए कहते है, तो वे भिड़ जाते हैं। उनका तर्क होता है, हमारे खड़े नहीं होने से तुम्हे क्या परेशानी हो रही है।

फिल्म थियेटर के एक बुजुर्ग कर्मचारी ने कहा कि इस आदेश के आने से पहले भी सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को लागू कराना परेशानी भरा ही होता था। पहले फिल्म खत्म होने के बाद इसे बजाया जाता था, लेकिन देखने में आया है कि लोग इसके खत्म होने से पहले ही थिएटर छोड़कर जाने लगते थे।

 

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