आजकल डिप्रेशन में आकर रोजाना ना जाने कितने युवक युवतियाँ आत्महत्या कर लेते हैं। यह एक विकट संकट है जिससे निजात पाना बहुत ही ज़रूरी है। लेकिन अब इसका भी समाधान निकाल लिया है। दरअसल इंटरनेट के सर्च इंजन से अब लोगों की जान भी बचाई जा सकती है, क्योंकि वैज्ञानिक एक ऐसा तरीका इजाद कर रहे हैं, जिससे उन यूजर्स की पहचान कारगर ढंग से की जा सकती है, जिनके द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने का खतरा है। इन सर्च इंजनों की मदद से इस बात की जानकारी मुहैया कराई जाएगी जिसमें लोगों को यह जानकारी दी जाएगी कि उन्हें कहां से मदद मिल सकती है।

डबल्यूएचओ की सिफारिशों के चलते, गूगल जैसे सर्च इंजन पहले ही खोज के लिए डाले जा रहे उन सवालों के जवाब दे रहे हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि यूजर्स शायद आत्महत्या के बारे में विचार कर रहा है। इन यूजर्स का ध्यान काउंसलिंग और आत्महत्या की रोकथाम करने वाली अन्य सेवाओं की ओर खींचा जाता है।

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