जल्द ही एक ऐसी मशीन आपके सामने होगी जो सिर्फ सूंघकर बता देगी कि आप बीमार हैं या नहीं। रिसर्चर्स एक ऐसी मशीन पर काम कर रहे हैं जो आपकी सांस, ब्लड और यूरीन से आपका रोग पहचान लेगी।

हम सभी की एक यूनीक स्मेल होती है जो हजारों कार्बनिक यौगिक से मिलकर बनती है। इस महक से हमारी उम्र, जेनटिक, लाइफस्टाइल, होमटाउन और यहां तक की हमारे मेटाबॉलिक प्रोसेस के बारे में भी पता चलता है।

प्राचीन यूनानी और चीनी चिकित्सक रोग को पहचानने के लिए मरीज की खुश्बू का इस्तेमाल किया करते थे। मॉर्डन मेडिकल रिचर्स में भी यह बात सामने आई है कि किसी की त्वचा और सांस की गंध बीमारी का सूचक हो सकते हैं। एक्सपर्ट रिपोर्ट्स की मानें तो मधुमेह रोगियों की सांस कभी-कभी सड़े हुए सेब जैसी, वहीं टाइफाइड रोगियों की त्वचा बेकिंग ब्रेड जैसी गंध देती है।

नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार, वैसे तो हर डॉक्टर भी कुछ बीमारियों को किसी हद तक सूंघ सकता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि उसकी नाक कितनी संवेदनशील है और वह सूंघ कर बीमारियां पहचानने का कितना अनुभवी है। इस वजह से रिसर्चर्स कम खर्च में एक ऐसे सेंसर पर काम कर रहे हैं जो रोग को पहचान ले।

यह सेंसर एक सिलिकॉन चिप है जिस पर कई मेटल लेयर्स और छोटे गोल्ड इलेक्ट्रॉड्स लगे होंगे। यह मोबाइल फोन के सिम कार्ड जैसा दिखाई देगा और केमिकल फिल्टर जैसे काम करेगा। इस मशीन को इलेक्ट्रॉनिक नाक कहें तो गलत नहीं होगा, जो आदमी की नाक की तुलना में कहीं सटीक और बेहतर ढंग से रोग की पहचान कर लेगी।

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