अध्ययन से यह भी पता चला कि डीएनए की क्षति से माइटोकॉण्ड्रिया का कार्य भी प्रभावित होता है, जिससे व्यक्ति में तंत्रिका संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि एनएडी प्लस माइटोकॉण्ड्रिया की क्षति को रोक सकता है। यह अध्ययन ‘सेल मेटाबोलिज्म’ में छपा है। शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए एटाक्सिया टेलांगिएक्टासिया नामक बीमारी से पीड़ित चूहे और गोलकृमि पर प्रयोग किया।
इस बीमारी में मरीजों के मस्तिष्क में विभिन्न सूचनाओं को संयोजित करने की क्षमता नष्ट होने लगती है, डीएनए की मरम्मत नहीं हो पाती और वे बुढ़ापे के शुरुआती लक्षण महसूस करने लगते हैं। एनएडी प्लस की खुराक का इन जीवों पर उम्मीद से ज्यादा असर हुआ।