इन वयस्कों की आयु 45-64 साल थी। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने शिक्षा और दिल के रोगों (दिल का दौरा या स्ट्रोक) के संबंधों की जांच की। इसके लिए 45 साल से ज्यादा आयु के 267,153 पुरुषों और महिलाओं का 5 साल तक परीक्षण किया गया। शोध के परिणाम का प्रकाशन पत्रिका ‘इंटरनेशनल जर्नल फॉर इक्विटी इन हेल्थ’ में किया गया। दिल का दौरा पड़ने का जोखिम इंटरमीडिएट स्तर या गैर-विश्वविद्यालयी शिक्षा वालों लोगों में करीब दो-तिहाई (70 फीसद) से ज्यादा रहा।
इसकी वजह यह थी कि अच्छी शिक्षा लंबे समय के स्वास्थ्य पर आपके कार्य की प्रकृति, आपके रहन-सहन और आपके खाने की पसंद पर असर डालती है। मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों जिन्होंने विश्वविद्यालय डिग्री ली है, उनकी तुलना में पहली बार स्ट्रोक की संभावना हाईस्कूल की पढ़ाई पूरा नहीं करने वालों में 50 फीसद और गैर-विश्वविद्यालय योग्यता धारकों में 20 फीसद रही।