शोधकर्ताओं के दल ने इस प्रजाति की बड़ी मछलियों और छोटी मछलियों को अलग कर एक पारदर्शी डिवाइडर में रखा। आधे डिवाइडर्स में छेद बने थे, जिसके द्वारा पानी आगे-पीछे बह रहा था। इसके बाद वैज्ञानिकों ने मछली को बैंगनी रंग के डाई का इंजेक्शन दिया।

इस इंजेक्शन के कारण मछली का पेशाब चमकीले और गाढ़े नीले रंग में बदल गया। जब मछलियों ने एक-दूसरे को देखा, तो उन्होंने अपने पंख फैलाए और डिवाइडर की ओर तेजी से तैरने लगीं।

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