दोपहर 12 बजे रूबी (बदला हुआ नाम) को ओटी में ले जाने के पहले पश्चिम बंगाल से आए मनोचिकित्सक डॉ. अनिंद्या रे ने उसकी काउंसिलिंग की। जब डॉ. रे संतुष्ट हो गईं तब उसे ओटी में ले जाया गया। चेन्न्ई से एसआरएस सर्जन डॉ. वेकरमन जयरामन, अंबेडकर अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. दक्षेष शाह और उनकी टीम ने करीब 1.30 बजे सर्जरी शुरू की, जो 4 बजे तक चली।

डॉक्टर्स की टीम रूबी पर नजर रखे हुए हैं। बता दें कि डीकेएस की थर्ड जेंडर ओपीडी में बड़ी संख्या में ट्रांस जेंडर पहुंच रहे हैं, जिनमें से 80 एसआरएस सर्जरी करवाना चाहते हैं।

सर्जरी शुरू होने से पहले चर्चा में डीएमई डॉ. अशोक चंद्राकर, डीकेएस अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता, अंबेडकर अस्पताल के मेडिसीन, हड्डी रोग, स्त्रीरोग, सर्जरी रोग विभागाध्यक्ष समेत डॉक्टर-प्रोफेसर्स मौजूद रहे। डॉ. चंद्राकर, डॉ. गुप्ता, डॉ. शाह ने इसे अंबेडकर, डीकेएस हॉस्पिटल के लिए बड़ी उपलब्धि बताया।

 

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