सेक्स का नाम सुनाई देते ही पहला खयाल आता है कंडोम का। हालांकि कंडोम के बारे में तो सब जानते ही हैं लेकिन आज हम यहां फ़ीमेल कंडोम की बात कर रहे हैं जिसके बारे आप शायद जानते भी नहीं होंगे। बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें। जो कि कंडोम बनाने वाली एक कंपनी के सर्वे के हिसाब से लिखी गई थी। उसके मुताबिक मुंबई जैसे बड़े शहर में भी आज 60 फ़ीसदी से ज्यादा औरतों को इसके बारे में पता ही नहीं है।

फ़ीमेल कंडोम दिखने में लगभग मेल कंडोम की तरह ही होता है। लेकिन अंतर सिर्फ इतना होता है कि इसे ‘पीनस’ के बजाय ‘वेजाइना’ में इस्तेमाल किया जाता है। काम उतना ही होता है कि स्पर्म को एग्स के साथ मिलने से रोकना होता है। जिससे प्रेगनेन्सी से बचा जा सके। दुनिया में बहुत कम ही ऐसी कंपनियां हैं जो फीमेल कंडोम बनाती हैं। एक सर्वे के मुताबिक़ लोगों का कहना है कि चूंकि इसे वेजाइना के अंदर इस्तेमाल करना होता है तो शुरुआती दौर में ये थोड़ा तकलीफ़देह हो सकता है। लेकिन एक-दो बार के इस्तेमाल के बाद आदत हो जाती है।

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