बेंच ने कहा कि हमने नोटिस किया है कि पिछले कुछ समय में इस तरह के केसेस तेजी से सामने आए हैं जिसमें सहमति से यौन संबंध बनाने के बाद युवतियां अपने पूर्व प्रेमियों पर दुष्कर्म के आरोप लगाती हैं। बेंच ने आगे कहा कि एफआईआर दर्ज करवाते समय युवतियां अक्सर कहती हैं कि उनके प्रेमी द्वारा किए गए वादों पर भरोसा कर उन्होंने अपने प्रेमी से सहमति के साथ यौन संबंध बनाए और अगर जिन युवतियों को ऐसा भरोसा नहीं मिला उन्होंने यौन संबंधों से दूरी रखी।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि इस तरह के कई मामलों में आरोपियों को कम से कम 6 महीने या एक साल तक जेल में रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिनमें लड़कियां ब्रेकअप के बाद अपने प्रेमी पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए शिकायतें दर्ज करवा रही हैं।