हाइपर सेक्सयूलिटी को सेक्स की लत भी कहा जाता है क्योंकि इसमें व्यक्ति सेक्स की बातों में ही खोया रहता है और सेक्स करने की सोचता रहता है। हाइपर सेक्सयूलिटी वाले लोग अवसाद, चिंता और अकेलेपन से ग्रसित होते हैं, क्योंकि उन्हें लंबे समय तक साथ देने वाला पार्टनर नहीं मिला पाता है। ऐसे लोग एकदम से और हर कहीं से सेक्स करना चाहते हैं, वे अपने पार्टनर को केवल अपनी प्यास बुझाने की चीज समझते हैं। हालांकि हाइपर सेक्सयूलिटी एक मानसिक डिसऑर्डर है, लेकिन इसके लक्षण पार्किंसन बीमारी से पीड़ित लोगों में भी पाये जाते हैं।
कई रिसर्च स्टडीज़ दावा करती हैं कि यह दिमाग में केमिकल या हार्मोन के असंतुलन और बचपन की कोई यौन हिंसा के कारण ऐसा होता है। ऐसे लोगों में एसटीडी या एड्स होने का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि अपनी सेक्स इच्छा के चलते ये लोग वैश्याओं और अंजान लोगों से भी सेक्स करने करने को तैयार रहते हैं, वो भी बिना किसी सुरक्षा के।