ऑटोरिक्शा की सवारी आपने जरूर की होगी। तो फिर आपने कभी न कभी तो ऑटोवाले या रिक्शे वाले से ये थोड़ा आगे तक छोड़ने की गुजारिश की ही होगी। हालांकि ये थोड़ा आगे थोड़ा नहीं थोड़ा ज्यादा आगे भी हो सकता है लेकिन आपने उस ‘आगे’ का पैसा न देकर उतना ही पैसा दिया होगा जितने के लिए कह कर आप ऑटो में बैठे थे।
सॉस की बॉटल तो सबके घर में आती है और जब वो खत्म होने को आती है तो हमारा प्रयास ये जरूर होता है कि उसमें एक भी बूंद सॉस रह ना जाए। कई लोग तो उसमें पानी मिलाकर भी बचा सॉस निकाल लेते हैं।