चीन में गुदगुदी को टिकल टार्चर कहा जाता है। यह सजा देने का एक बहुत ही पुराना तरीका है। हेन राजतंत्र के राजाओं के दरबार में इस सजा का बहुत ही ज़्यादा चलन था। चायनीज टिकल टार्चर उसस समय समाज में बेहद खास ओहदा रखने वाले लोगों को दी जाने वाली एक सजा होती थी, इससे अपराधी को कष्ट बहुत कम देर के लिए होता था। टिकल टार्चर का एक अन्य उदाहरण प्राचीन रोम में मिलता है, जिसमें अपराधी के पैरों को नमक के पानी में डुबाकर उन्हें एक बकरी के द्वारा साफ कराया जाता था, जो शुरुआत में गुदगुदी का एहसास देता था लेकिन बाद में बहुत दर्दनाक हो जाता था।