आज के समय में हर कोई व्यक्ति स्मार्टफोन का दिवाना है। बच्चों से लेकर बड़ो तक सभी के हाथों में मोबाइल फोन नजर आते हैं। कई घंटो तक लोग स्मार्टफोन पर लगे रहते हैं। छोटे बच्चे भी इनमें काफी दिलचस्पी दिखाते हैं। लेकिन ये स्मार्टफोन बच्चों के विकास में खतरा बन सकते हैं। आइए हम कुछ बातें बताते हैं जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए…
क्यों कि मौजूदा पीढ़ी इस तरह के खतरे में ज्यादा पड रही हैं। हालांकि इस बात का सबको पता हैं कि ये सेहत के लिए नुकसान देह हैं लेकिन कोई इन बातों पर अमल नहीं करना चाहता। कई बार आप अपने बच्चों को बहलाने के लिए स्मार्टफोन में वीड़ियोगेम या फिर और कोई वीड़ियों चलाकर दे देते हैं ताकि उसमें उसका मन लगा रहे तो आपका बार बार उसे यूं स्मार्टफोन देना सहीं नही हैं।
हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आई है, अमेरिकी एकेडमी ऑफ पेड्रियाटिक ने स्मार्टफोन को किड्स को देने चेतावनी जारी की है इसके मुताबिक, बच्चों द्वारा डिजीटल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल उनकी नींद की क्वालिटी को इफेक्ट करता है। शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि कुछ जगहों पर जैसे प्लेन में, मेडिकल चेकअप के वक्त डिजीटल मीडिया यानि टचस्क्रीन का इस्तेमाल अच्छा भी होता है।
ये बात तो आपको पता हेागी कि शुरूआती समय में ही बच्चे के दिमाग का विकास तेजी से होता है ऐसे में बच्चे को नैचुरल तरीके के बजाय स्मार्टफोन जैसे गैजेट्स दे दिए जाएंगे तो बच्चे के खेलने की दुनिया सीमित होगी। अगर एक बार बच्चों को इसकी आदत हो गयी तो इससे बाहर निकालना आपके लिए मुश्किल हो जायेगा।