बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले होते हैं ज्यादा समझदार , कुछ बच्चे अपने दाएं हाथ का इस्तेमाल ज़्यादा करते हैं तो कुछ बाएं का।

हम बच्चों को दाएं हाथ इस्तेमाल कराने की कोशिश करते हैं, क्योंकि लोग इसी हाथ का इस्तेमाल ज़्यादा करते आए हैं, लेकिन इसके बावज़ूद कुछ बच्चे अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करता है वो अकेला ऐसा करने वाला नहीं है।

ऐसे बहुत से बच्चे हैं। आख़िर क्या वजह है कि बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वालों की तादाद पूरी आबादी में बेहद कम होती है? दरअसल हमारे पूरे शरीर में एक ख़ास तरह का असंतुलन है। मिसाल के लिए हम बाएं हाथ से अपना फोन उठाते हैं और दाएं को कान पर लगा कर सुनते हैं।

जब हमें फोन पर बात करते करते कुछ लिखना होता है तो बाएं कान पर फोन लगाते हैं और दाएं हाथ से लिखना शुरू कर देते हैं। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि हमें जिस तरह से काम करने में आसानी होती है, वैसे ही अपने शरीर के अंगों का इस्तेमाल करते हैं। मोटे तौर पर 40 फ़ीसद लोग अपने बाएं कान का, 30 प्रतिशत लोग बाईं आंख का, और 20 फीसदी लोग बाएं पैर का इस्तेमाल करते हैं।

जब बात आती है हाथ की, तो सिर्फ 10 फीसदी लोग ही बाएं हाथ का इस्तेमाल ज़्यादा करते हैं। आख़िर इंसानों ने दाएं हाथ के इस्तेमाल पर ज़ोर देना कब से शुरू कर दिया? हम ने अपने हाथों का इस्तेमाल कैसे करना शुरू किया, ये जानने के लिए हमें इंसान के विकास की बुनियाद में जाना होगा। आदिमानव के रिश्तेदार रहे ‘निएंडरथल’ मानव के दांतों से इसका इशारा मिलता है। उन्होंने अपने हाथों का बख़ूबी इस्तेमाल करना सीख लिया था। हालांकि वो थोड़े फूहड़ किस्म के भी थे। अपने हाथों का इस्तेमाल उन्हेंने भले ही करना सीख लिया था, लेकिन, मांस वो अपने दांतों से नोंच कर ही खाते थे।

रिसर्च करने वालों ने पाया है कि निएंडरथल मानव भी अपने दाएं हाथ का इस्तेमाल ज़्यादा करते थे। उन में भी दाएं और बाएं हाथ का इस्तेमाल करने का अनुपात दस में से एक था। जो कि आज के इंसानों में देखने को मिलता है।

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