अक्सर हम आपस में बात करते रहते हैं की व्यक्ति के जीवन में स्मार्ट और हेल्दी लाइफस्टाइल होना बहुत ज़रूरी होता है। जिस से हमारा जीवन कुशल बना रहता है। जैसा कि हम सब जानते है कि हेल्दी डाइट लेना, संतुलित मात्रा में पोषक तत्व लेना और दिन में हरी सब्जियां और फल खाते रहना, यह सब एक हेल्दी लाइफस्टाइल को बढ़ावा देना है। ख़ासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए उनका हेल्दी लाइफस्टाइल होना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आप भी मां बनने जा रही हैं, तो कृप्या सावधान हो जाइए।
एक अध्ययन से यह पता चला है कि अगर गर्भवती महिलाएं औसतन छह या सात बार फल या फलों का जूस रोज़ाना लेती हैं, तो उनके बच्चे का एक साल की उम्र में आईक्यू, उसे नापने वाले स्केल में छह या सात अंक अधिक होता है।
कनाडा के अलबर्टा यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता पीयूष मंधाने कहते हैं कि “हमें यह जानकारी पहले से है कि गर्भाशय में बच्चा जितना ज़्यादा समय तक रहता है, उसका विकास उतना ही ज़्यादा होता है। इसके साथ अगर मां रोजाना खाने में फलों की मात्रा को बढ़ा दे, तो बच्चों को वही लाभ मिलता है, जो उसे गर्भाशय में एक हफ्ते अधिक रहने पर मिलता है”।
शोधकर्ताओं ने करीब 688 बच्चों के आंकड़ों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें पाया गया कि जो मां गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा फल खाती हैं, उनके बच्चे एक साल की उम्र में विकासात्मक परीक्षण पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं।