महिलाओं के पूरे जीवन में समय-समय पर स्तनों से द्रव्या का रिसाव होता रहता है, जो एक साधारण बात है। गर्भावस्था में लगातार रिसाव हो तो भी डरने की जरूरत नहीं है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था को छोड़कर अन्यी किसी समय यदि स्तन से लगातार द्रव्य का स्राव हो तो तत्काल इसकी जांच जरूरी है। स्त्रियों के स्‍तन के निप्‍पल से जब कभी लाल, गुलाबी या भूरे रंग का स्राव होने लगे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

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वैसे केवल एक ही स्तन से स्राव अधिक चिंता का विषय है यह किसी भी रूप में सामान्य नहीं है। स्तन दूध निर्माण करने वाली कई ग्रंथियों से मिलकर निर्मित हुआ है। ये ग्रंथियां एक नली द्वारा स्तन के निप्पल से जुड़े होते हैं, जिससे दूध या अन्य द्रव्य बाहर आता है। ये ग्रंथियां चर्बीदार ऊतकों से घिरी होती है, जो स्ततन का मांसल हिस्साद होता है। अलग-अलग लड़कियों में ब्रेस्ट का माप भिन्न-भिन्न होता है। किसी के स्तन छोटे तो किसी के बड़े और अधिक चर्बीयुक्त होते हैं।

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किशोरावस्था में अक्सर छोटे स्तनों की वजह से कुछ लड़कियां हीनभावना पाल लेती हैं, लेकिन उनकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि आकार से स्तनों की संवेदना पर कोई असर नहीं पड़ता है। स्तनों का आकार बहुत कुछ उनके गुणसूत्र व खानपान पर निर्भर करता है। हर महीने होने वाले पीरियड या माहवारी के कारण ब्रेस्ट के आकार में अंतर आ सकता है। हार्मोन स्तनों को गर्भावस्था के लिए तैयार करते हैं, जिस कारण माहवारी के दिनों में स्तन थोड़े बड़े,कड़े और संवेदनशील हो जाते हैं।

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