किशोरी के गर्भवती होने पर आरोपी घर से भाग गया तो पीड़िता ने मामले की जानकारी परिजनों के अलावा गांव के लोगों को दी। सभी ने मिलकर 15 मार्च 2015 को थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी।
न्यायिक अभिरक्षा के दौरान काटी गई सजा को सुनाई सजा मे समायोजित करने का फैसला सुनाया गया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के हवाले से अपर लोक अभियोजक सीके अवधिया ने बताया कि मझौली थानाक्षेत्र के एक गांव की 15 वर्षी किशोरी के साथ गांव के ही 19 वर्षीय युवक ने जबरन दुष्कर्म किया था।
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