एक डॉक्टर का धर्म भी और फर्ज़ भी यह होता है कि वह रोगियों को ठीक करने के लिए अपनी जान झोंक दे। डॉक्टर्स पर भरोसा करके ही हम अपने परिजनों को अस्पताल में भर्ती कराते हैं। लेकिन अगर ये रक्षक ही भक्षक बन जाएँ तो आप कहाँ जाएंगे। जी हाँ आजकल निजी अस्पतालों ने बीमारियों और इलाज को पैसा कमाने का धंधा बना लिया है। फोर्टिस अस्पताल की सैक्टर 62 स्थित शाखा में भी ऐसी ही कुछ धांधले बाजी चल रही है।  दरअसल हुआ यूं कि फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराई गई एक महिला को लेकर बीते बुधवार को हंगामें की स्थिति पैदा हो गई, जहां अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए गये। मेरठ निवासी अनिल ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि उसकी पत्नी की चार दिन पहले ही मौत हो जाने के बाद भी अस्पताल उसकी लाश का इलाज करता रहा और बिल बनाता रहा।

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