अक्सर ऐसा होता है कि हम किसी के घर जाते हैं या अपने घर में भी जब जाते हैं तो जूते चप्पल बहतर ही उतार देते हैं। लेकिन क्या कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा होता क्यों है। दरअसल किसी भी कल्चर में चाहे धर्म हो या कोई रीति, हर चीज़ के पीछे एक साइंटिफिक लॉजिक होता है, जिसे हम लोग धर्म से जोड़ देते हैं। घर में चप्पल या जूते न लाने के पीछे भी एक साइंटिफिक लॉजिक है, जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ़ एरिज़ोना की एक स्टडी ने हमारे सामने रखा है।
यूनिवर्सिटी की इस स्टडी के मुताबिक, हमारे जूतों और चप्पलों में 421,000 बैक्टीरिया होते हैं, जिनमें से 90% हमारे खाने और पानी के साथ मिल जाते हैं। इस स्टडी में एक और बात सामने आई है कि हमारे जूतों-चप्पलों में 7 अलग-अलग तरह के 27% बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र से ले कर श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।
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