उसके इस काम से हमेशा उसके आसपास लोगों की भीड़ रहती। अदृश्य शक्ति के चलते वह अपनी हर छोटी से छोटी इच्छा को भी पूरी करने में समर्थ था। युक्तेश्वर महाराज के साथ ही खड़े एक व्यक्ति से अफजल ने कुछ मांगने कहा। वह व्यक्ति शराब पीने का आदी था। उसने अपने लिए शराब देने के लिए कहा। अफजल ने हवा में हाथ ऊंचा कर कहा हजरत शराब की बोतल चाहिए। पलभर में वहां शराब की चार-पांच बोतल आ गईं।

 

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