महिला जब देह व्यापार से मना करती तो नाक में भर देता था मिर्ची , साहब! मेरी ससुराल के पड़ोस में रहने वाला युवक 10 महीने पहले मेरा अपहरण करके ले गया। 10 महीने तक उसने मुझसे जबरन देह व्यापार करवाया। उसके बाद वह मुझे बेचने लगा, लेकिन मैं मौका पाकर उसके चंगुल से भाग आई। सोमवार को एसपी साकेत प्रकाश पाण्डेय के पास यह गुहार चैनपुरा की रहने वाले एक आदिवासी महिला लेकर पहुंची।
पीड़िता के अनुसार 5 दिन पहले सूरजमल उसे बेचने के लिए एक व्यक्ति से बात कर रहा था। सूरजमल ने प्लानिंग बनाई कि, वह उसे रेलवे स्टेशन के पास छोड़ देगा वहां पैसे देना और ले जाना। महिला ने एसपी को बताया कि, बड़ौदिया बिंदी गांव में की एक महिला ने उसे मुक्त कराने की मेहनत की। महिला ने एक दिन उसे अपने घर में छिपाकर रखा, उसके बाद मौका पाकर वह श्योपुर आ गई और कलेक्टोरेट के पीछे चैनपुरा अपने घर पहुंच गई। जहां पिता को साथ लेकर वह सोमवार को एसपी के पास आई।
पीड़िता महिला ने बताया कि, वह गंदा काम करने से मना करती तो उसे बहुत पीटा जाता था। महिला के अनुसार उसकी कमर में इतने लठ दिए गए हैं कि वह ठीक से खड़ी नहीं हो पाती और दर्द की वजह से चल भी नहीं पाती। जब वह दूसरे लोगों के साथ संबंध बनाने से मना करती तो सूरजमल उसकी नाक में मिर्ची भर देता था।
चैनपुरा में रहने वाली 35 साल आदिवासी महिला ने बताया कि उसकी ससुराल मानपुर थाना क्षेत्र के कोठरा गांव में है। 10 महीने पहले उसकी ससुराल के पास में रहने वाला सूरजलमल आदिवासी उसका अपहरण करके ले गया। इसके बाद छह महीने तक राजस्थान के छांण-बहराउण्डा कस्बे में रखा। महिला के अनुसार यहां कई लोगों को बुलाकर सूरजमल आदिवासी ने उसका दैहिक शोषण करवाया। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद वह मुझे बड़ैदा क्षेत्र के बड़ौदिया बिंदी गांव लेकर आ गया, यहां तीन महीने तक मुझसे देह व्यापार करवाया गया। महिला के अनुसार एक महीने पहले उसे सूरजमल बावड़ीचापा लेकर आ गया।