नोटबंदी के दौरान देश में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। हालांकि सरकार ने पुराने नोटों को वापस करने के लिए लोगों को 50 दिन का समय दिया था। फिलहाल ऐसी कोई परेशानी लोगों को नहीं हो रही है लेकिन राजस्थान के कोटा में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। दरअसल एक महिला मरने से पहले 96500 रुपए छोड़ गयी थी जो उसके मरने के बाद उसके बच्चों के हाथ लगे। आरबीआई के द्वारा दी गयी समय सीमा समाप्त हो गयी है इसीलिए इन नोटों को बदलने का कोई रास्ता नहीं पाकर इन भाई-बहन ने अब प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मदद की गुहार लगाई है।

मार्च के शुरुआत में सरवड़ा गांव स्थित भाई-बहन के बंद पड़े पैतृक घर में पुलिस सर्वेक्षण के दौरान नोट मिले थे। 4 साल पहले अपनी मां पूजा बंजारा की हत्या के बाद से 16 साल का सूरज और 11 साल की सलोनी कोटा के रंगबरी इलाके में चाइल्ड होम में रहते हैं। इनके पिता की मौत उससे भी पहले हो गई थी। बाल कल्याण समिति (CWC) के अध्यक्ष हरीश गुरुबक्षाणी ने बताया, RBI के इन पुराने बैंक नोटों को बदलने से इनकार करने के बाद बच्चों ने शनिवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इन्हें बदलने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।

96,500 रुपये की यह रकम उनकी मां की जीवन भर की बचत है। भाई इस रकम को अपनी बहन के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराना चाहता है। हरीश के मुताबिक, दोनों के मां-बाप की मौत पहले हो चुकी है। CPM ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किए गए चलन से बाहर हो चुके नोटों के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। CPM महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर पूछा कि क्या मोदी सरकार ‘इतनी अक्षम’ है कि वह अभी तक आंकड़े सामने नहीं ला पाई है।

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