ऐसे करेंगे गणपति बप्पा की पूजा तो पूरी होगी सारी मनोकामना। ऐसे तो बस बप्पा का नाम लेने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन अगर आप इस बार गणपति से कुछ विशेष मांगना चाहते हैं, तो गणपति की पूजा भी विशेष तरह से करनी होगी। श्री गणेश के शरीर का हर हिस्सा किसी न किसी ग्रह के दोष को दूर करता है। अतः गणपति के इन अंगों के पूजा करे और मनचहा वरदान पाएं। पुराणों में कहा गया है कि हमें श्वेत गणपति की पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में भौतिक सुख एवं समृद्धि का प्रवाह होता है। श्री गणेश के शरीर का हर हिस्सा किसी न किसी ग्रह के दोष को दूर करता है।

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1. गणेश जी के हाथी जैसे मुख की अलग ही मान्यता है। गणेश का गजमुख बुद्धि का अंकुश, नियंत्रण,अराजक तत्वों     पर लगाम लगाने का प्रतीक माना जाता है। अतः श्री गणेश के पूजन से घर में धन की वर्षा होती हैं एवं सुख-             समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।

2. हमारे शरीर में पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां तथा चार अंतःकरण हैं तथा इनके पीछे जो शक्तियां हैं उन्हीं को     चौदह देवता कहते हैं। श्री गणेश के आयुध की पूजन करने से मंगल ग्रह की शांति होती है।

3. गणेश जी विद्या और बुद्धि के अधिष्ठाता देवता हैं। तर्क-वितर्क में उनका सानी कोई नहीं। उनके अाशीर्वाद वाला    हाथ अगर पूजा जाए तो बुध ग्रह की शांति होती है। अगर इस हाथ पर हरी दूब चढ़ाई जाए तो चार गुना लाभ              मिलता है।

4. उनके चेहरे पर तिलक लगाने से सूर्य ग्रह के  दोष दूर होते हैं। गणेश शब्द का अर्थ है गणों का स्वामी। श्री गणेश         के ह्रदय पर तिलक लगाने से चंद्र ग्रह की शा‍ंति होती है।

5. गणेश जी के हाथों का लड्डू पूजने से केतु ग्रह शांत होते हैं तथा उन पर नीला पुष्प चढ़ाने से शनि ग्रह के दोष से         मुक्ति मिलती है।

6. गणेश जी का मूषक जासूसी से सूचनाएं एकत्र करने का प्रतीक है। यह राहु के दोष को भी दूर करता है।

7. गणेशजी की आराधना करने से निश्चित ही विद्यार्थियों को विद्या प्राप्त होती है। उनके पीले अंगवस्त्र यानी          पीतांबर पर हल्दी चढ़ाई जाए तो गुरु ग्रह की शांति होती है।

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