वादा करने के बाद आह जी की प्रेमिका वहां नहीं पहुंची, फिर भी आह जी उसका इंतजार कर रहे हैं। उसके घर वाले वहीं पर उसको खाना और कपड़े दे जाते हैं और घर चलने की बहुत मिन्नतें करते हैं। उन्हें इंतजार है अपनी उस हमसफर का जो उन्हें सफर के दौरान में ट्रेन में मिली थी और दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे।
उन्हें अभी भी अपनी प्रेमिका का इंतजार है उनका मानना है कि उसके आते ही सब ठीक हो जाएगा। इस उम्मीद में जी रहे हैं, कि वो कभी न कभी तो आएगी ही। लेकिन मोहब्बत के आगे सब कुछ ठुकरा चुके आह जी अब भिखारी का जीवन जी रहे हैं।
लेकिन आह जी को कितना भी समझा तो लेकिन वह कुछ और किसी कि भी नहीं मानता है, उसे तो बस अपनी आशिकी का इंतजार है।
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