भूत भी सुनते हैं कहानियां, मानो या ना मानो , बेताल पचीसी एक प्राचीन संस्कृत पुस्तक है, जिसे संस्कृत संस्करण में बेतालपञ्चविंशतिका कहते हैं। इस प्राचीन ग्रंथ में 25 कथाओं का उल्लेख है। बेताल पचीसी के रचियता बेतालभट्ट थे। ऐसा माना जाता है। जो अपने न्याय के लिए प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे।

बेताल के द्वारा सुनाई गई यो रोचक कहानियां सिर्फ दिल बहलाने के लिए नहीं हैं, इनमें अनेक गूढ़ अर्थ छिपे हैं। क्या सही है और क्या गलत, इसको यदि हम ठीक से समझ लें तो सभी प्रशासक राजा विक्रम की तरह न्याय प्रिय बन सकेंगे और छल व द्वेष छोडकर, कर्म और धर्म की राह पर चल सकेंगे।

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