अगर आप दूर से देखेंगे तो ये पेड़ एक जंगल की तरह लगेगा। दरअसल, इस बरगद की 2800 से ज्यादा जटाएं जड़ का रूप ले चुकी हैं। इसे द ग्रेट बनयान ट्री के नाम से जाना जाता है और इसकी कैनोपी 3,511 एरियल प्रोप जड़ों से बनी हुई है, जिसके चलते ये एक नहीं बल्कि अलग-अलग कई पेड़ जैसा लगता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने सालों बाद भी ये पड़े जीवित है, ये यकीन करना मुश्किल है। 1884 और 1886 में आए बड़े तूफानों की वजह से इसकी जड़ें खराब होने लगी थीं और इसी वजह से 1925 में इसकी मुख्य जड़(50 फीट) को काटना पड़ा था। इस पेड़ का नाम, विश्व गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दुनिया के सबसे चौड़े पेड़ के रूप में शामिल है और इसे भारत के स्टैंप पर भी चित्रित किया गया।
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