उनका आरोप है कि वे दो हजार रुपए लेकर अस्पताल गए थे। बेटी को आईसीयू में भर्ती कराया था। उसका एक दिन का खर्च 3 हजार बताया गया। उन्होंने दो हजार जमा करवाए और बाकी रुपए सुबह रिश्तेदारों के आने के बाद जमा कराने की बात कही।

तब वहां का कर्मचारी उन्हें मैनेजमेंट से जुड़े खनूजा के पास ले गया, लेकिन मदद के बजाय उन्होंने दुर्व्यवहार कर भगा दिया गया। बेटी की मौत के बाद रिश्तेदारों से रुपए लेकर अस्पताल में जमा कराए गए। उन्होंने 12 हजार रुपए जमा कराने की बात कही।

 

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