कोर्ट ने इसे महिला की मानसिक बीमारी बताया। उसे दो हफ्ते जरूर सलाखों के पीछे गुजारने पड़े, लेकिन यह सजा कोर्ट के नोटिस के बावजूद सुनवाई पर नहीं पहुंचने के लिए दी गई थी। जहां सुनवाई के बाद महिला से बॉन्ड भरवाया गया है कि वह 12 माह तक पशुओं के खिलाफ अच्छा बर्ताव करेगी।