आगे पांडियन ने कहा,”मैं उन्हें देखने अपोलो हॉस्पिटल गया था, मगर वहाँ उनके बारे में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। बाद में मुख्यमंत्री के अंगरक्षकों ने मुझसे कहा कि उनकी तबीयत ठीक है जिसके बाद मैं घर लौट आया।” पांडियन ने कहा कि ऐसा कई दिनों तक चलता रहा।
उन्होंने कहा कि बाद में राज्य में दो सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान जयललिता के अंगूठे के निशान से चुनाव के फ़ैसलों पर उनकी मंज़ूरी लिए जाने की ख़बरें आईं और तब भी मैंने सवाल पूछा, लेकिन मुझे संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
आगे उन्होंने कहा कि जब बताया गया कि जयललिता को अचानक दिल का दौरा पड़ा है तो “उस रात शशिकला अपने परिवार के साथ अस्पताल से बाहर निकलीं, लेकिन उनके चेहरे पर मुझे कोई दुःख नहीं नज़र आया।”
पांडियन ने ये भी संदेह जताया कि जयललिता की उंगलियों के निशान का इस्तेमाल कर उनकी संपत्ति भी चुराई जा सकती है.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मौजूद पीएच पांडियन के बेटे और एआईएडीएमके नेता मनोज पांडियन ने दावा किया कि जयललिता नहीं चाहती थीं कि शशिकला तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनें।