केंद्र के संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि हाथियों को क्रूर संचालकों से बचाया गया है, जो लंबे समय से हाथियों की उपेक्षा कर रहे थे। उनके साथ अक्सर मारपीट की जाती थी और खराब खाना दिया जाता था। उन्होंने कहा कि हम इन हाथियों को गरिमामय जीवन और सुरक्षा देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एक हाथी को जरूरी चिकित्सा सेवा, पोषणयुक्त आहार और देखभाल के लिए करीब 80 हजार रुपए महीने का खर्चा आता है। इसके साथ ही हाथियों को बेहतर इलाज और देखभाल मुहैया कराई जा रही है।

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